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रांची की हवा में घुलता जहर।

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रांची शहर पिछले कई वर्षों से वायु प्रदुषण की चपेट में आता जा रहा है।   द्वारा डा नितीश प्रियदर्शी। वायुमण्डल पर्यावरण का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। मानव जीवन के लिए वायु का होना अति आवश्यक है। वायुरहित स्थान पर मानव जीवन की कल्पना करना करना भी बेकार है क्योंकि मानव वायु के बिना 5-6 मिनट से अधिक जिन्दा नहीं रह सकता। एक मनुष्य दिन भर में औसतन 20 हजार बार श्वास   लेता है। इसी श्वास के दौरान मानव 35 पौण्ड वायु का प्रयोग करता है। यदि यह प्राण देने वाली वायु शुद्ध नहीं होगी तो यह प्राण देने के बजाय प्राण ही लेगी। हमारे वायुमण्डल में नाइट्रोजन , आक्सीजन , कार्बन डाई आक्साइड , कार्बन मोनो आक्साइड आदि गैस एक निश्चित अनुपात में उपस्थित रहती हैं। यदि इनके अनुपात के सन्तुलन में परिवर्तन होते हैं तो वायुमण्डल अशुद्ध हो जाता है , इसे अशुद्ध करने वाले प्रदूषण कार्बन डाई आक्साइड , कार्बन मोनो आक्साइड , नाइट्रोजन आक्साइड , हाइड्रोकार्बन , धूल मिट्टी के कण...