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Showing posts from September, 2010

भारत के भूमिगत जल में घुल रहा है रेडिओएक्टीव रेडोन का जहर I

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भारत के कई जगहों के भूमिगत जल में रेडिओएक्टीव रेडोन गैस के पाए जाने की वैज्ञानिक पुष्टि हुई है I द्वारा डा. नितीश प्रियदर्शी भारत के बैंगलोर, मध्य प्रदेश के किओलारी- नैनपुर, पंजाब के भटिंडा एवं गुरदासपुर, उत्तराखंड का गढ़वाल, हिमाचल प्रदेश एवं दून घाटी के भूमिगत जल में रेडोन -२२२ के मिलने की वैज्ञानिक पुष्टि हुई है I बैंगलोर शहर के भूमिगत जल में रेडोन की मात्रा सहनशीलता की सीमा ११.८३ Bq/ लीटर से ऊपर है I कहीं कहीं ये सौ गुना अधिक है I यहाँ पर रेडोन की औसत मात्रा ५५.९६ Bq/ लीटर से ११८९.३० Bq/लीटर तक पाई गई है I बैंगलोर शहर में भूमिगत जल की तुलना में सतही जल में कम रेडोन पाए गए क्योंकि वायुमंडल के संपर्क में रहने के कारण यह गैस जल से वायुमंडल में आसानी से घुल जाती है I बैंगलोर शहर के कैंसर रोगियों में से इस वक्त 10.5 फीसदी लोग लंग कैंसर और करीब 13.5 फीसदी लोग स्टमक कैंसर से जूझ रहे हैं। जानकारों की मानें तो पानी में रेडोन की बढ़ती मात्रा का कारण जमीन में मौजूद ग्रेनाइट है। मध्य प्रदेश के मांडला के किओलारी-नैनपुर जगह के भूमिगत जल में रेडोन के साथ युरेनियम की भी मात्रा पाई गई है I युरेनिय...

Radon in groundwater from India- a brief report.

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There have also been a number of reports of the presence of dissolved radon in groundwater from India. by Dr. Nitish Priyadarshi Presence of high levels of Radon (222 Rn) has been reported from groundwater in Bangalore city, Keolari-Nainpur area, Seoni-Mandla district in Madhya Pradesh, Bathinda , Gurdaspur, Garhwal, Himachal Pradesh and Siwalik Himalayas and underground waters of the Doon valley in India. To ascertain the ground reality and the nature of the hazards, if any, a study was conducted by the Central Ground Water Board, Bangalore in and around Bangalore city. The analytical results of all the groundwater samples collected from the gneissic and granitic rocks shows Radon concentration is above the permissible limit of 11.83 Bq/l and at places the concentration is as high as hundred times. The radon gas is occurring in the groundwater of the area ranging from 55.96 Bq/l to 1189.30 Bq/l plus or minus error values. There is no relation between the radon concentration and the de...

भारत में प्राकृतिक आपदाएं - कितने तैयार हैं हम ?

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देश के २२ राज्यों को मल्टीडिजास्टर प्रोन यानि जहाँ की एक से अधिक प्राकृतिक आपदाएं आ सकती हैं, माना गया है I द्वारा डा. नितीश प्रियदर्शी विश्व में प्राकृतिक आपदाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है I पहले दक्षिण पूर्व एशिया सुनामी, अमरीका में आये तूफ़ान, कटरीना, विल्मा, मुंबई की बाढ़, पाकिस्तान एवं जम्मू कश्मीर में आये विनाशकारी भूकंप , बिहार में कोसी नदी की बाढ़ और अब पाकिस्तान में बाढ़, दिल्ली, गुजरात, पंजाब, लेह, उत्तराखंड, राजस्थान इत्यादि में बाढ़ I झारखण्ड एवं बिहार में सुखा ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है की केवल सुचना ही आपदाओं से निपट पाने के लिये पर्याप्त नहीं है I इनसे निपटने के लिये बहुत कुछ किया जाना बाकि है I भारतीय उप महाद्वीप का लगभग सारा का सारा हिस्सा कभी न कभी प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में आ ही जाते हैं या आ सकते हैं लेकिन इनसे निपटने के लिये जिस प्रकार से शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कदम उठाये जाने की जरुरत हे उनके बारे में मामले सरकारी फाइलों में बंद हैं I भारतीय उप महाद्वीप में आनेवाली प्राकृतिक आपदाओं में प्रमुख हैं सूखा, बाढ़, समुद्री तूफान, भूकंप, भूमि धसान,जंगलों एवं कोय...

Geobotanical methods for prospecting uranium deposits.

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Plants can also help us in finding uranium. by Dr. Nitish Priyadarshi Fig. Aster Venusta Name of the plant in the figure below is Astraqualus sp. Geobotanical methods of prospecting involve the use of vegetation for identification of the nature and properties of the substrate. Paradoxically, these methods are among the easiest to execute and yet the most difficult to interpret of all the methods of exploration available at the present time. In terms of execution, the basic requirement is merely a pair of human eyes; but in the interpretation of the visual (or photographic) image, some knowledge is required of a number of different disciplines such as biochemistry, botany, chemistry, ecology, geology, and plant physiology. Geobotanical methods of prospecting are based on the visual observation and identification of vegetation or plant cover that may reveal the presence of a specific type of sub-surface mineralization. In this method, it is presumed that a particular variety of plant s...